दोस्तों, क्या आप भारतीय वायु सेना में Fighter Pilot बनाना चाहते हैं? क्या आप भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच में रुचि रखते हैं? क्या आप IAF में कैरियर बनना चाहते हैं? यदि उपर्युक्त प्रश्नों के उत्तर हाँ हैं, तो यह लेख आपके सपने को साकार करने में आपकी मदद करेगा! यहाँ हम आपको भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट कैसे बने (Fighter pilot) और बनने के बारे में जानने के लिए आवश्यक सभी बातों से अवगत कराएंगे। हम आपको भारतीय वायुु सेना से जुडी जानकारी जैसे- पात्रता मानदंड, महत्वपूर्ण परीक्षाएं, शारीरिक और चिकित्सा मानक आदि बातो पर जानकारी देंगे।
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एयरफोर्स में फाइटर पायलट फिजिकल स्टैंडर्ड
आइए हम फाइटर पायलट के जॉब पोस्ट के Physical Standard के बारे में जानकारी (Fighter Pilot Physical Standard in Airforce) देंगे। भारतीय वायुसेना की फ्लाइंग ब्रांच को तीन उप फ्लाइंग ब्रांच में विभाजित किया जा सकता है- फाइटर प्लेन, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर। इसलिए, यदि आप एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते हैं, तो आपको फाइटर प्लेन की ब्रांच पर ध्यान केंद्रित करना होगा। फाइटर प्लेन की ब्रांच के लिए चयन उम्मीदवार की योग्यता के आधार पर किया जाता है। अब तक केवल पुरुष अधिकारियों को भारतीय वायुसेना में एक Fighter pilot के पद पर जाने की अनुमति है। महिला अधिकारियों को आमतौर पर फ्लाइंग ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट की ड्यूटी दी जाती है।

लिंग (Gender)
दोस्तों, अब तक, केवल पुरुष अधिकारियों को भारतीय वायुसेना में फाइटर पायलट बनने की अनुमति है। महिला उम्मीदवार को फ्लाइंग ऑफिसर (SSC Entry) को आमतौर पर ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टर दिए जाते हैं। उम्मीद है, भविष्य में इन नियमो में बदलाव किया जा सकता हैं|
एयरफोर्स में फाइटर पायलट बनने के तरीके
Airforce की फ्लाइंग ब्रांच में Fighter pilot बनने के लिए पुरुष उम्मीदवारों के पास दो तरीके हैं-
- उम्मीदवार को NDA प्रवेश के लिए PCM विषयो के साथ 12th पास हो
- ग्रेजुएशन के बाद (कोई भी 3 या 4 साल का ग्रेजुएशन कोर्स या PCM विषयों के साथ 12 वीं कक्षा पास)
आइये उपर्युक्त प्रवेश के बारे में एक – एक करके महत्वपूर्ण विवरणों के बारे में जानते है-
एनडीए (NDA) (10 + 2) प्रवेश (Fighter pilot In Airforce)
शैक्षिक योग्यता (Education) | आयु सीमा | परीक्षा और दिनांक | साइटें (Website) |
भौतिकी और गणित विषयों के साथ 10 + 2 (विज्ञान स्ट्रीम) पास | 19 वर्ष | एनडीए प्रवेश परीक्षा का आयोजन यूपीएससी द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। ये परीक्षा मई और दिसंबर के महीनों में करवाई जाती हैं। | www.upsc.gov.in और www.upsconline.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं| |
वजन (Fighter Pilot Physical Standard)
एनडीए के द्वारा वायु सेना में उम्मीदवारों के ऊंचाई के मानदंड तथा वजन निम्न प्रकार हैं।
वायुसेना के लिए ऊंचाई (सेंटीमीटर में) | वजन किलोग्राम में (16 से 17 वर्ष) | वजन किलोग्राम में (17 से 18 वर्ष) | वजन किलोग्राम में (18 से 19 वर्ष) |
152 | 42.5 | 44 | 45 |
155 | 43.5 | 45.5 | 47 |
157 | 45 | 447 | 48 |
160 | 46.5 | 48 | 49 |
162 | 48 | 50 | 51 |
165 | 50 | 52 | 53 |
167 | 51 | 53 | 54 |
170 | 52.5 | 55 | 56 |
निंम्न प्रकार के मानदंड है एयरफोर्स में पायलट बनाने के लिए-
पैर की लंबाई | 99 cm- 120 cm |
बैठकर ऊंचाई | max. 644 cm |
जांघ की लंबाई | 81.50 cm – 96 cm |
सफलतापूर्वक आवेदन करने के बाद, उम्मीदवार इस लिखित परीक्षा को पास करने का आवश्यक हैं, लिखित परीक्षा को पास करने के बाद उन्हें एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) interview के लिए बुलाया जाता है।
SSB interview
SSB साक्षात्कार की प्रक्रिया 5 दिनों तक चलती हैं|जिसमे निम्न चरण होते हैं-
- ऑफिसर इंटेलिजेंस रेटिंग टेस्ट
- पिक्चर परसेप्शन / डिस्कशन टेस्ट
- मनोवैज्ञानिक परीक्षण
- समूह परीक्षण (शारीरिक और मानसिक कार्य)
- जीडी
- साक्षात्कार और Confrence। (SSB Interview की अधिक जानकारी के लिए दिए गये लिंक पर क्लिक करे|
- जो लोग फ्लाइंग ब्रांच के लिए चुने जानते हैं, उन्हें PABT (पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट) के लिए उपस्थित होना होता हैं। PABT में फ्लाइंग ब्रांच के उम्मीदवारों की क्षमता का परीक्षण किया जाता है।
- ऐसे उम्मीदवार जो PABT को सफलतापूर्वक क्लियर करते हैं, उन्हें शारीरिक और चिकित्सा परीक्षणों से गुजरना होता हैं।
अंत में, एक अखिल भारतीय स्तर की मेरिट सूची बनाई जाती है। जो उम्मीदवार मेडिकल परीक्षा के बाद बनाई जाती हैं| उन्हें ट्रेनिंग कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना जाता है। इन उम्मीदवारों को तब भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनने के लिए ट्रेनिंग से गुजरना होगा और इस तरह ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवार को Fighter pilot बनने का मौका मिलता हैं |
स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद (CDS, AFCAT (SSC) और NCC के द्वारा)
शैक्षिक योग्यता (Education) | आयु सीमा | परीक्षा और दिनांक | साइटें (Website) |
किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री और भौतिकी और गणित विषयों के साथ 10 + 2 (विज्ञान स्ट्रीम) पास | 21 वर्ष | एनडीए प्रवेश परीक्षा का आयोजन यूपीएससी द्वारा वर्ष में दो बार किया जाता है। ये परीक्षा मई और दिसंबर के महीनों में करवाई जाती हैं। | www.upsc.gov.in और www.upsconline.nic.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं| |
अगर कोई Airforce में 12 वीं (या 12 वीं में रहते हुए) के बाद फाइटर पायलट के रूप में शामिल नहीं हो पाता है, तो कोई ग्रेजुएशन के बाद भी कोशिश कर सकता है (या ग्रेजुएशन प्रोग्राम के अंतिम वर्ष में)। ग्रेजुएट्स के सामने तीन मुख्य प्रवेश योजनाएं उपलब्ध हैं और परीक्षा से जुडी Fighter Pilot Physical Standard in Airforce की जानकारी नीचे दी गयी हैं|-
- सीडीएसई (CDS)(कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज एग्जामिनेशन),
- एनसीसी (NCC) (एनसीसी सर्टिफिकेट ” C” धारक)
- एएफसीएटी (AFCAT) (एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट)।
वजन/ऊचाई
सयुंक्त डिफेन्स सर्विस (CDS) के द्वारा वायु सेना में उम्मीदवारों के ऊंचाई के मानदंड तथा वजन निम्न प्रकार हैं।
ऊंचाई (पुरुषो के लिए)(सेंटीमीटर में) | वजन किलोग्राम में (18 वर्ष) | वजन किलोग्राम में (20 वर्ष) | वजन किलोग्राम में (22 वर्ष) |
152 | 44 | 46 | 47 |
155 | 46 | 48 | 49 |
157 | 47 | 49 | 50 |
160 | 48 | 50 | 51 |
162 | 50 | 52 | 53 |
165 | 52 | 53 | 55 |
168 | 53 | 55 | 57 |
170 | 55 | 57 | 58 |
173 | 57 | 59 | 60 |
175 | 59 | 61 | 62 |
178 | 61 | 62 | 63 |
180 | 63 | 64 | 65 |
ऊंचाई एवं वजन (महिलाओ के लिए)
ऊचाई(cm) | वजन (20 वर्ष) | वजन (25 वर्ष) | वजन (30 वर्ष) |
148 | 39 | 41 | 43 |
150 | 40 | 42 | 43.5 |
153 | 42 | 43.5 | 45 |
155 | 43 | 44 | 46 |
158 | 45 | 46 | 48 |
163 | 47 | 49 | 51 |
165 | 49 | 51 | 53 |
168 | 50 | 52 | 53 |
चिकित्सा मानक (फ्लाइंग ब्रांच के लिए) Fighter pilot In Airforce
- फ्लाइंग ब्रांच (Fighter pilot In Airforce) भर्ती के लिए, चिकित्सा मानकों के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण परीक्षण और जाँच की जाती हैं, जो निम्न हैं –
आंखों की दृष्टि
भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट के रूप में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को आंखों की दृष्टि के मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य है। आंखों के स्थिति के लिए मानदंड निम्न प्रकार के हैं।
भारतीय वायुसेना | |
बिना चश्मे के दृष्टि | 6/6, 6/9 |
चश्मे के साथ दृष्टि | 6/6 (केवल हाइपरमेट्रोपिया के लिए) |
निकट दृष्टि दोष की सीमा | Nil |
दूर दृष्टि दोष की सीमा | +2.00 D |
कलर ब्लाइंडनेस | CP-I MLT |
एस्टिग्मेटिज़्म | +0.75 cyl |
निकट दृष्टि | N-5 (प्रत्येक आँखों के लिए ) |
- रीढ़ की हड्डी की स्थिति
- दृष्टि (दृष्टि की आवश्यकताएं) :- 6/6 (सही आँखों के लिए) और 6 /9 (बेकार आँखों के लिए)
- ऑक्युलर मसल्स बैलेंस
अंत में, एक अखिल भारतीय स्तर की मेरिट सूची बनाई जाती है। जो उम्मीदवार मेडिकल परीक्षा के बाद बनाई जाती हैं| उन्हें ट्रेनिंग कार्यक्रम में भाग लेने के लिए चुना जाता है। इन उम्मीदवारों को तब भारतीय वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर (Fighter pilot In Airforce) बनने के लिए ट्रेनिंग से गुजरना होगा और इस तरह ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवार को Fighter pilot (Fighter pilot In Airforce) बनने का मौका मिलता हैं |
Frequently Asked Questions For Fighter Pilot
फाइटर पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को एनडीए, सीडीएस, एनसीसी, एएफसीएटी जैसी परीक्षाओं में फ्लाइंग ब्रांच को चुनना होगा।
भारतीय वायुसेना में पायलट मुख्यता फाइटर पायलट, लॉजिस्टिक पायलट, सिविल कैरियर पायलट जैसे पायलट होते हैं।
फाइटर पायलट बनने के लिए चिकित्सा मानदंड और शारीरिक मानदंड हेतु हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें।